खुद आदर्श बनें, तब बनेगा आदर्श समाज |
भास्कर न्यूज त्न बहादुरगढ़ |
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुख्यालय माउंट आबू से आए भगवान भाई ने कहा कि आज की बिगड़ती परिस्थिति को देखते हुए समाज को सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान के छात्र भावी समाज है। अगर भावी समाज को आदर्श बनाना हैं तो छात्राओं को भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक आचरण पर भी उनके ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है। भगवान भाई ने पीडीएम पॉलीटेक्नीक कॉलेज में मंगलवार को टीचिंग स्टाफ और छात्र-छात्राओं के बीच विचार गोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि शिक्षक वही है, जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है। शिक्षकों को केवल पाठ पढ़ाने वाला नहीं बल्कि सारे समाज को श्रेष्ठ मार्ग दर्शन देने वाला होना चाहिए है। उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंदर सद्गुण होना आवश्यक है। किताबी ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को अपने जीवन की धारणाओं के आधार पर नैतिक पाठ भी आवश्यक पढ़ाना चाहिए। शिक्षकों के हाव-भाव, उठना, बैठना, चलना व व्यवहार करना इन बातों का असर भी बच्चों के जीवन में पड़ता है। वहीं स्थानीय ब्रह्मकुमारी राजयोग सेवा केंद्र के संदीप भाई ने कहा कि एक दीपक से पूरा कमरा प्रकाशित होता है। इसी तरह एक शिक्षक से हजारों बच्चे शिक्षित होते हैं। कॉलेज के प्राचार्य एमएम शर्मा ने कहा कि वर्तमान की परिस्थितियों को परिवर्तन करने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है। शिक्षकों को स्वयं के आचरण पर ध्यान देने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ तनाव मुक्त रहने की आवश्यकता है। इस मौके पर ओपी रुहिल व राजपाल मौजूद रहे। |
Monday, January 16, 2012
खुद आदर्श बनें, तब बनेगा आदर्श समाज भास्कर न्यूज त्न बहादुरगढ़ प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुख्यालय माउंट आबू से आए भगवान भाई ने
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